परमाणु संरचना (Atomic Structure)
• चलिये इसे अच्छे से समझते है |
► तो ये प्रोटोन, न्यूट्रोन और इलेक्ट्रॉन आपको समझ मे आगया होगा की इनकी position कहा होती है |
• अब Question ये पूछा जाता है की प्रोटोन, न्यूट्रोन, और इलेक्ट्रॉन का आविष्कार किसने किया | तो इसे हम ट्रिक से याद करेंगे |
1.इलेक्ट्रान -
• खोज – टॉमसन
• चार्ज -ve (Negetive Charge)
• स्थाई (stable) कण है
2. प्रोटोन
• खोज – रदरफोर्ड
• चार्ज +ve
• स्थाई (stable) कण है
3. न्यूट्रॉन
• खोज – चैडविक
• कोई चार्ज नहीं होता
• अस्थाई (unstable) कण है |
► न्यूट्रोन का सबसे ज्यादा उपयोग नाभिकीय विखंडन मे किया जाता है इससे नाभिकीय ऊर्जा को विघुत ऊर्जा मे परिवर्तित किया जाता है |
► नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) : यूरेनियम – 235 का एक नाभिक है जब इसके ऊपर न्यूट्रोन की बोछार की जाती है तो ये नाभिक दो भागो मे बट जाता है और साथ मे 3 न्यूट्रोन Generate हो जाते है और बहुत अधिक मात्रा मे ऊर्जा निकलती है तो ये जो प्रक्रिया होती है यह नाभिकीय विखंडन कहलाती है |
► अब जो निकले हुए न्यूट्रोन है वो टूटे हुए नाभिक 2 उनसे वापस टकराते है और उनको फिर से Divide कर देते है ये प्रक्रिया जब तक खत्म नहीं होती जब तक नाभिक का अस्तित्व खत्म ना हो जाए | अब जो 3 न्यूट्रोन Generate हुए है इनकी गति बहुत ही तेज़ होती है, इसलिए इस गति को Controll करा जाता है और कभी कभी इस गति को Controll नहीं करा जाता है |
► अब Suppose करते है की 3 प्रोटोन Generate हुए नाभिकीय विखंडन की Proccess के द्वारा अब इनमे से 2 न्यूट्रोन को आवेशित कर लिया मतलब दो न्यूट्रोन को खींच लिया और शांत कर दिया इसे मंदक (Moderator) के द्वारा शांत किया जाता है इस प्रक्रिया को ‘’नियंत्रित शृंखला अभिक्रिया'' बोला जाता है और यही Concept परमाणु रिएक्टर मे भी उपयोग होता है |
► परमाणु रिएक्टर :-
• एक ऐसी यूनिट है जिस में U -235 का Controlled Fission कराते है |
• नाभिकीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन किया जाता है |
• इसमें ईंधन के रूप में यूरेनियम,थोरियम, प्लूटोनियम का उपयोग किया जा रहा है |
• मंदक (Moderator) - केडमियम और बोरान की छड़ D2O (भारी जल) और ग्रेफाइट |
► परमाणु बम (Atom Bomb) :
• नाभिकीय विखंडन पे आधारित है |
• बम बनाने में U - 235 और U -239 का प्रयोग किया जाता है |
• पहला परमाणु बम ओपन हिमर ने बनाया था |
► नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) :
इस Proccess मे दो या दो से अधिक नाभिक मिलकर एक बड़ा नाभिक बना देते है और साथ मे बहुत अधिक मात्रा मे ऊर्जा निकलती है इस proccess को हम नाभिकीय संलयन कहते है | नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया पृथ्वी पर संभव नहीं है क्यूकी इसके लिए temprature बहोत अधिक चाहिए रहता है तो ये प्रक्रिया वहाँ होती है जहां पर अधिक ताप और दाब है तो ये प्रक्रिया होती है सूर्य पर |
H + H → He + न्यूट्रॉन + ऊर्जा
• सूर्य पर नाभिकीय संलयन प्रक्रिया
• तारो का प्रकाश
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