क़रीब से उसे देखो तो वो भी तन्हा है जो दूर से नज़र आता है अंजुमन यारों.
देर से गूँजते हैं सन्नाटे जैसे हम को पुकारता है कोई
अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं
Tags:
Love